पूर्व रेलवे
पूर्व रेलवे का गठन 14 अप्रैल, 1952 को सियालदह, हावड़ा, आसनसोल और दानापुर मंडलों तथा समूचे बंगाल – नागपुर रेलवे को मिलाकर बने ईस्ट इंडियन रेलवे के एकीकरण द्वारा किया गया । बाद में, दक्षिण में हावड़ा से विशाखापट्टनम् तक, मध्य क्षेत्र में हावड़ा से नागपुर तक एवं उत्तर मध्य क्षेत्र में कटनी तक फैले बी एन आर के भाग को पूर्व रेलवे से अलग करके01 अगस्त, 1955 से “दक्षिण पूर्व रेलवे” का गठन किया गया । समय गुजरने के साथ नई लाइनों के पुनर्वितरण एवं निर्माण के पश्चात्, 30 सितंबर, 2002 तक पूर्व रेलवे 4245.61 किलोमीटर तक विस्तृत हो गया ।
दिनांक 01.10.2002 को तीन मंडलों, अर्थात् धनबाद, मुगलसराय एवं दानापुर को पूर्व रेलवे से पृथक् कर नया क्षेत्र पूर्व मध्य रेलवे बनाया गया, जिसका मुख्यालय हाजीपुर में स्थित है । अभी, पूर्व रेलवे में चार मंडलों, अर्थात् सियालदह, हावड़ा, आसनसोल एवं मालदा, तक फैले 2493 रूट किलोमीटर हैं, जिनमें से 1405 मार्ग किलो मीटर में 25 के वी बिजली वाला ए सी कर्षण उपलब्ध है ।
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पूर्व रेलवे का मुख्यालय : कलकत्ता, पश्चिम बंगाल।
पूर्व रेलवे के मण्डल।
- हावड़ा, पश्चिम बंगाल।
- आसनसोल, पश्चिम बंगाल।
- मालदा, पश्चिम बंगाल।
- सियालदह, पश्चिम बंगाल।
पूर्व रेलवे के तीन बड़े रेल कारखाने
- जमालपुर :
- माल-डिब्बों की मरम्मत (4442 वाहन इकाई), डीजल इंजनों का आवधिक पुनर्कल्पन (पी ओ एच) (80 वाहन इकाई),विनिर्माण - माल-डिब्बे (प्रति वर्ष 527), 140 टन क्रेन, टावर- वैगन एवं व्हाइटिंग जैक।
- लिलुआ:
- सवारी डिब्बा (2503 वाहन इकाई) एवं माल डिब्बा (1340 वाहन इकाई) का आवधिक पुनर्कल्पन तथा
- कांचरापाड़ा :
- इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव (प्रति वर्ष 78), ई एम यू लोकल (993 वाहन इकाई) एवं कोचों का आवधिक पुनर्कल्पन (480 वाहन इकाई)।