रेवाड़ी रेल संग्रहालय
भारतीय रेलवे 160 साल से भी ज्यादा पुराने और बेहद संपन्न इतिहास के साथ देश की मूर्त और अमूर्त विरासत के कई आयामों को संजोए हुए है। रेवाड़ी स्टीम शेड की यादों को ताजा रखने के लिए 2002 में रेवाड़ी हेरिटेज स्टीम सेंटर के नाम से पुनर्विकसित किया गया, जो कि दुनिया में बेहद अनूठी उपलब्धि है। फिलहाल रेवाड़ी स्टीम सेंटर में 6 बड़ी लाइन और 4 छोटी लाइन के कार्यरत भाप इंजन का रख-रखाव करता है। इन भाप इंजनों में "फेरी क्वीन" (1855) भी शामिल है जिसका नाम गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे पुराने कार्यरत इंजन के रूप में दर्ज हो चुका है। इसके अलावा यहां मौजूद भाप इंजन "अकबर" को सुल्तान और गदर जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों में भी दिखाया जा चुका है।
भारतीय रेलवे की चार विरासत दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (1999), नीलगीरी माउंटेन रेलवे (2005), कालका शिमला रेलवे (2008) और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई (2004) को यूनेस्को ने वैश्विक विरासत सूची में जगह दी है। इसके अलावा दो स्थल माथेरन लाइट रेलवे और कांगड़ा घाटी रेलवे को भी आनेवाले दिनों में धरोहर में शामिल किए जाने वाली विरासतों में यूनेस्को ने रखा है।
भारतीय रेलवे ने करीब 230 भाप इंजन, 110 विशिष्ठ कोच और वैगन को अलग अलग जगहों पर संग्रहालय और हेरिटेज पार्क में लोगों को देखने के लिए रखा है। इनमें से कई 100 साल से भी पुराने हैं जो कि देखने वालों को अपने पुराने दिनों के गौरव की अनुभूति कराते हैं।
संग्रहालय खुलने का समय
- संग्रहालय सुबह 09:00 से शाम 05:00 शाम तक 7 दिन खुला रहता है।
- सभी के लिए प्रवेश मुक्त है।
- फोटोग्राफ़ी की बिना किसी शुल्क के अनुमति है।
- कैफेटेरिया, पानी और शौचालय की सुविधा है।