दक्षिण मध्य रेलवे
दक्षिण मध्य रेलवे का इतिहास
दक्षिण मध्य रेलवे का गठन 2 अक्तूबर 1966 को भारतीय रेलों पर 9वीं क्षेत्रीय रेलवे के रूप में हुआ था. अपनी चालीस वर्षों की वचनबद्ध सेवा और परोगामी प्रगति करते हुए दक्षिण मध्य रेलवे ने, यात्रियों/ग्राहकों की आकांक्षाओ को पूरा करते हुए भारी परिवहन की एक आधुनिक प्रणाली के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनायी है। दक्षिण प्रायद्वीप में स्थित इस गतिशील संगठन का मुख्यालय सिकंदराबाद में है, जो आर्थिक रूप से उन्नत आंध्र प्रदेश राज्य, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु के भागों को सेवा प्रदान करता है।
भाप इंजन से चलनेवाली गा़ड़ियों और लकड़ी की सीटों के जमाने से लेकर अब दक्षिण मध्य रेलवेने अधिक क्षमता वाले डीजल और विद्युत इंजऩ, उच्च गति टेलीस्कोपिक पैसेंजर डिब्बे और उच्चतर धुरा भार मालडिब्बों, सभी महत्वपूर्ण मार्गों में उच्च क्षमता के रेलपथ, सालिड स्टेट अंत:पार्शन युक्त बहु संकेती रंगीन सिगनल व्यवस्था व सूक्ष्मतरंग और डिजिटल संचार प्रणाली आदि अत्याधुनिक प्रणालियों को अपनाते हुए एक लंबी यात्रा पूरी की है।
दक्षिण मध्य रेलवे का गठन, दक्षिण रेलवे से विजयवाड़ा और हुबली मंडल तथा मध्य रेल से सिकंदराबाद और सोलापुर मंडल को मिलाकर 2 अक्तूबर, 1966 को किया गया। प्रभावात्मक परिचालनिक नियंत्रण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए फरवरी, 1978 में सिकंदराबाद मंडल को दो मंडलों अर्थात् सिकंदराबाद और हैदराबादके रूप में विभाजित किया गया।
दक्षिण मध्य रेलवे के नये गठित गुंटूर और नांदेड मंडलों में 1 अप्रैल, 2003 से कार्य आरंभ किया गया और हुबलीमंडल को नए गठित दक्षिण पश्चिम रेलवे में अंतरित किया गया. इस समय दक्षिण मध्य रेलवे पर छह मंडल विद्यमान है अर्थात्सिकंदराबाद, हैदराबाद, विजयवाडा, गुंटूर, गुंतकल और नांदेड, जिसकी लंबाई 5752 मार्ग कि.मी. है और इसमें से 1604 मार्ग कि.मी. को विद्यतीकृत किया गया है।
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दक्षिण मध्य रेलवे का मुख्यालय : सिकंदराबाद, तेलंगाना।
दक्षिण मध्य रेलवे के मण्डल।
- सिकंदराबाद, तेलंगाना।
- हैदराबाद, आन्ध्र प्रदेश।
- विजयवाड़ा, आन्ध्र प्रदेश।
- गुंतकल, आन्ध्र प्रदेश।
- गुंटूर, आन्ध्र प्रदेश।
- नांदेड़, महाराष्ट्र।